TV9 Bharatvarsh | Edited By: Ravikant Singh
May 15, 2022 | 1:23 PM
अगला जमाना डिजिटल बैंक (Digital Bank) का है. जब सबकुछ डिजिटल हो रहा है, तो बैंक इससे क्यों वंचित रहे. लेकिन सवाल है कि भविष्य में शुरू होने वाला डिजिटल बैंक अपने चौक-चौराहे की बैंक शाखा से कितना अलग होगा. यह कैसे काम करेगा और इससे क्या फायदा होगा. दरअसल, डिजिटल बैंक की अवधारणा नीति आयोग (Niti Aayog) ने रखी है. नीति आयोग का मानना है कि डिजिटल बैंक शुरू होने से वित्तीय बोझ कम होगा. नीति आयोग की बात सही है क्योंकि बैंक की फिजिकल ब्रांच चलाने में बहुतेरी चुनौतियां हैं. खर्च अथाह है तो भ्रष्टाचार भी कम भी नहीं. इससे निपटने का यही उपाय है कि बैंकों को डिजिटल कर दिया जाए. सरकार और रिजर्व बैंक (RBI) को इन बातों में दम दिखा है. लिहाजा डिजिटल बैंक पर तैयारी शुरू है.
डिजिटल बैंक का अर्थ है फिजिकल ब्रांच के बजाय सबकुछ इंटरनेट पर आधारित होगा. यानी पैसे निकालने हों या पैसे जमा करने हों, डीडी बनवाना हो या चेक जमा करना हो, लोन लेना हो या लोन का पैसा जमा करना हो, इन सभी काम के लिए हम अपने चौक-चौराहे पर जाते हैं. लेकिन डिजिटल बैंक आने के बाद ये सभी काम घर बैठे होंगे. मोबाइल और कंप्यूटर से. अब सोचिए सरकार का कितना पैसा बचेगा. काम भी द्रुत गति से होगी क्योंकि बैंक की बाबूगिरी से बच जाएंगे. लंबी लाइनों से मुक्ति मिलेगी और काम इंटरनेट की गति से तेज होगा. ग्राहक को और क्या चाहिए.
यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस या यूपीआई ने सबको सोचने पर मजबूर कर दिया है. यूपीआई के साथ आधार बैंकिंग ने दिखा दिया कि बैंकों के भारी-भरकम काम के लिए फिजिकल ब्रांच ही एकमेव साधन नहीं. दुनिया अब डिजिटल हो चली है, इसलिए बैंकों को भी डिजिटल कर देना में कोई जोखिम नहीं. शायद ही लोगों ने सोचा हो कि ऐसा भी समय आएगा कि यूपीआई से 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक का ट्रांजैक्शन होगा. वह भी मोबाइल और कंप्यूटर जैसे साधन से. इसके लिए न तो बैंक जाना है और न ही लंबा चौड़ा फॉर्म भरना है. सबसे बड़ी बात कि इधर बटन दबाया और उधर पैसा पहुंच गया.
सबकुछ सही चला तो जुलाई तक देश के 75 जिलों में डिजिटल बैंक की ब्रांच खुल जाएंगी. रिजर्व बैंक इस बारे में पहले ही घोषणा कर चुका है. नई तैयारी के मुताबिक देश के जिन जिलों में ये बैंक खुलेंगे, उनकी डिजिटल शाखाएं तैयार होंगी. इस ब्रांच या यूनिट को खोलने और बंद करने के प्रावधान अलग होंगे. ये सभी काम फिजिकल बैंक शाखा से अलग होंगे. रिजर्व बैंक इस काम में फूंक-फूंक कर कदम उठा रहा है और नई फिनटेक कंपनियों पर अभी कोई दांव नहीं लगाना चाहता. पेटीएम के मामले में अभी हाल में हमने देखा कि रिजर्व बैंक ने नए ग्राहक जोड़ने से मना कर दिया. उधर फिनटेक कंपनी भारतपे में बड़ा झमेला सामने आया और कंपनी के प्रमुख अशनीर ग्रोवर को पद छोड़ना पड़ा.
इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए रिजर्व बैंक अभी उन्हीं बैंकों पर भरोसा जताया है जो पहले से मार्केट में भरोसे के साथ काम कर रहे हैं. इन बैंकों में सरकारी, प्राइवेट और स्मॉल फाइनेंस बैंक शामिल हैं. रिजर्व बैंक ने इन बैकों को डिजिटल बैंक शुरू करने की अनुमति दी है और जुलाई 2022 तक डिजिटल यूनिट शुरू करने की तैयारी शुरू भी हो चुकी है.