Loan Tips: लोन लेने से पहले आपको यह हिसाब लगा लेना चाहिए कि अपनी अन्य देनदारियों और जरूरतों के साथ आप हर महीने कितनी EMI का भुगतान कर सकते हैं. लोन चुकाने के लिए किसी भी शख्स में फाइनेंशियल डिसीप्लीन का होना बेहद जरूरी है. लोन चुकाने में अगर आप चूकते हैं तो इसका सीधा असर आपके क्रेडिट स्कोर पर पड़ता है. अगर आपके पास एक से अधिक लोन हैं, तो आपको इस बात का खास ध्यान रखना होगा. अगर आपने एक से ज्यादा लोन ले रखा है तो इन्हें मैनेज करने के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है, जिसके बारे में हमने यहां बताया है.
सबसे जरूरी बात यह है कि आपकी EMI उतनी ही होनी चाहिए, जितना कि आप दे पाएं. इसलिए यह भी कहा जाता है कि लोन उतना ही लें जितने की जरूरत है, वरना आप कर्ज के जाल में फंस सकते हैं. इस बात का भी ध्यान रखें कि EMI के चलते आपकी अन्य बेसिक जरूरतें प्रभावित न हों.
बैंकबाजार के CEO आदिल शेट्टी का कहना है कि आप EMI तय करते समय एक नियम का पालन कर सकते हैं. शेट्टी कहते हैं, “उदाहरण के लिए, आपकी टेक-होम इनकम का 40% से अधिक आपकी EMI में नहीं जाना चाहिए.” उन्होंने आगे कहा कि हालांकि यहां भी कुछ बातों पर ध्यान देना जरूरी है. मान लीजिए कि आपकी इनकम 30,000 रुपये है, तो उसमें से 40% का भुगतान करने पर आपकी अन्य जरूरी खर्चों को मैनेज करने में दिक्कत होगी. लेकिन अगर आपकी इनकम 2 लाख रुपये है तो इस स्थिति में आप 1 लाख रुपये तक की EMI का भुगतान कर सकते हैं. इसलिए 40% का नियम भी हर जगह अप्लाई नहीं होता है.
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आपको अपने गैर जरूरी खर्चों पर कंट्रोल रखना चाहिए, ताकि आपके पास अपने कर्ज का भुगतान करने के लिए पर्याप्त पैसे हों. शेट्टी कहते हैं, ”खर्चों की लिस्ट बनाएं और उन्हें ही प्राथमिकता दें. उदाहरण के लिए, आपको बिजली का बिल, स्कूल की फीस जैसे खर्चों को प्राथमिकता देनी चाहिए. बजट के अनुसार खर्चों की लिस्ट बनाएं और गैर जरूरी खर्चों से बचें. इस तरह आप हर महीने काफी बचत कर सकते हैं. आप अपने लोन को जल्दी चुकाने के लिए बचाए गए धन का इस्तेमाल कर सकते हैं.”
जब आप कई लोन को एक साथ मैनेज करते हैं तो EMI का भुगतान नहीं कर पाने की संभावना बढ़ जाती है. आपके लोन पोर्टफोलियो में शॉर्ट टर्म, मीडियम टर्म और लॉन्ग टर्म के उधार शामिल हो सकते हैं और उनकी ब्याज दर भी अलग-अलग हो सकती है. कई EMI चुकाने से आपकी आर्थिक स्थिति पर असर पड़ सकता है. इसलिए, आप अपने मल्टीपल लोन को एक या दो लोन में कंसोलिडेट कर सकते हैं. आप मौजूदा लोन जैसे पर्सनल लोन, कार लोन, क्रेडिट कार्ड लोन को एक बड़े लोन जैसे टॉप-अप होन लोन या लोन अगेंस्ट सिक्योरिटी के ज़रिए जुटाए गए धन का इस्तेमाल करके बंद कर सकते हैं. लोन कंसोलिडेशन आपको ब्याज बचाने में मदद कर सकता है और इसके साथ ही, लंबी अवधि में आपके क्रेडिट स्कोर को बेहतर बनाने में आपकी मदद कर सकता है.
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लोन समय पर नहीं चुकाने का सबसे पहला और सीधा असर आपके क्रेडिट स्कोर पर होता है. इसलिए, अगर आपके पास कई लोन हैं, तो सभी लोन EMI समय पर चुकाने का प्रयास करें. शेट्टी कहते हैं, “मौजूदा कर्ज चुकाने के लिए नया कर्ज लेने से बचें, यह आपको कर्ज के जाल में फंसा सकता है. अगर आपको एक साथ कई EMI चुकाने में मुश्किल हो रही है, तो आप अपने लेंडर से EMI का साइज कम करने के लिए रि-पेमेंट टेन्योर बढ़ाने के लिए कह सकते हैं.”
लोगों को हर साल उनके वेतन/आय में कुछ इंक्रीमेंट मिलती है. यह इंक्रीमेंट अक्सर गैर-जरूरी चीजों पर खर्च करने या महंगी चीजें खरीदने में चली जाती है. अगर आप अपने मौजूदा लोन के प्री-पेमेंट के लिए अपनी इंक्रीमेंट का इस्तेमाल करने की आदत बनाते हैं, तो इससे आपको जल्दी लोन से बाहर आने में मदद मिल सकती है. ऐसी स्थिति में पहले ऐसे लोन से बाहर आएं जिसमें आपको ज्यादा ब्याज देना पड़ रहा हो.
पहले ज्यादा ब्याज वाले लोन का भुगतान करने की सलाह दी जाती है. ऐसे लोन का भुगतान पहले करें जिसमें ज्यादा ब्याज दर, कम चुकौती अवधि और जीरो प्री-पेमेंट शुल्क देना होता है. इस रणनीति के तहत आप अपने पैसे बचा सकते हैं. अगर आप टेन्योर से पहले अपने कुछ हाई-इंटरेस्ट वाले लोन को बंद कर पाते हैं, तो यह आपके EMI के बोझ को कम करने में मदद कर सकता है.
(Sanjeev Sinha)
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